विजय दिवस :: डॉ. सत्यनारायण पाण्डेय
डॉ. सत्यनारायण पाण्डेय इस त्वरित रचना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद पापा!---------------------------------------------------------------------------है आज करगिल दिवस भारतीय सैनिकों कीगौरव गाथा का दिन हुई...
View Articleभावविभोर लेखनी
जब भरा भरा हो मनतो चुप हो जाना चाहता है परआंसू की तरहकुछ हैजो बेचैन करता हैआँखों से टपकती हैं बूँदेंऔर कलम का गला रुंध जाता है तोलिखें ही न... ?!!इस लिखे हुए कोआंसू कह दें... या आंसू कोकविता... ये भेद...
View Articleदुख हेय नहीं, यह ध्येय होना चाहिए :: सत्यनारायण पाण्डेय
Dr. S.N. Pandeyआज सुख दुःख की आवाजाही को समर्पित, पापा की यह कविता या कविता जैसा कुछ... जो भी कह लें... पीड़ा का उत्सव मनाने वाली सनातन परंपरा के वाहक हैं हम, हमें क्या सुख दुःख डरा पायेगा... इसे पढ़ते...
View Articleअब भी वही हैं, अब भी वहीं है...
तुमसेकविता कहते थे...तुमकोकविता कहते थे...हमेंकब रहीअपनी खबर...जहाँ के हैं नहींवहीँ तो कबसे रहते थे...ठेस ठोकरअपने साथी हैं...चोटिल होकर भीहम नदिया सा बहते थे...विशुद्ध भाव की गंगा लेअपनी नन्ही...
View Articleलड़ाई मिथ्याभिमान की :: सत्यनारायण पाण्डेय
Dr. S. N. Pandeyएक दशक पुरानी पापा की लिखी यह कविता किन घटनाक्रमों से उपजी थी वह स्पष्ट याद है! हमारी सोसाइटी जहाँ हम रहते थे, वहां की कुछ बातों से असहज हो कर लिखी गयी कविता आज पढ़ते हुए पुनः यह बात...
View Articleचन्दनवन की भिलनी :: सत्यनारायण पाण्डेय
Dr. S. N. Pandeyआदत बिगड़ गयी है-सर्वत्र आदर पा कर,अब क्या करूं ??इस वृहद परिवार में आकर...इस कपटी संसार को पाकर...जहां सत्य और सदाचार--सब हैं बेकार,चन्द सिक्कों-के लिए जहां--बेच दिए जाते हैं -धर्म,...
View Articleनियति... !!
चुन लेतेकुछ ख़्वाब कहीं सेहम भी ख़्वाब बो लेते... गीत छंद की दुनिया मेंहम भी किसी कविता कीभूली बिसरी कोई पंक्ति हो लेते... पर हमें तोठोकरों को जीने वाले पाँवहोना था...कहीं दूर समंदर किनारे बसाविस्मृत कोई...
View Articleएक सिलसिला जीवन :: डॉ. सत्यनारायण पाण्डेय
जीवन और मृत्यु काअनन्त सिलसिला...अतृप्त इच्छाओं कीधुंधली यादें...जिजीविषा भी...अवरूद्धमार्ग काअहसास भी...स्वतंत्र सोच के साथ सांसारिक व आध्यात्मिक वर्जनाओं के बीचमुक्ति के मार्ग की तलाश भी...शरीरधर्म...
View Articleउदासी, फिर आना !
मैंनेबहुत सारी उदासियाँ जी हैं...उन बहुत सारी उदासियों में सेकुछ तो मुझेहज़ार खिलखिलाहटों से अधिक प्रिय हैं...किवे उदासियांमुझे मेरे इतने करीब ले गयीं कि मैंनेउस निकटता के प्रकाश मेंअपनी तमाम खामियों...
View Articleकिसी और जैसा होने का व्यतिक्रम ही भ्रम है... / डॉ. सत्यनारायण पाण्डेय
श्रमरत चींटी,फुदकती गौरैया...जाल बुनती मकड़ी,यहाँ वहां उड़ानरत तितली...ईश्वर कीअनन्त रचना केये कुछ एक विम्ब देते हैंसर्वसाधारण को संदेश...किईश्वर की कोई रचनानिरूद्देश्य नहीं हैं !सबके सब महत्वपूर्ण...
View Articleसा ग र और न दी...!
सा ग र--सा र है...ग गन है...र वानगी है...जीवन की सबसे अनूठी बानगी है...कि वो विशाल है, अथाह है, अपार है...उसके हिस्से हर एक नदी का प्यार है...---न दी--न श्वर है दी दार को प्यासे उसके नयन हैं...सागर तक...
View Articleस्मृति शेष
यूँ किसी का नहीं रहनाविश्वासयोग्य नहीं लगता...आज सांस लेते हुए क्या यकीन कर सकते हैं हमकि एक दिन हम भी नहीं रहेंगे...जीवन इतना बड़ा रहस्य है...पर्दा ही नहीं उठता. माया मोह से दामन जिस दिन छूटता...
View Articleत्रासद समय
रिश्ते आज खूंटियों पर टंगी तस्वीर हो गए हैं...दीवारों में दरारें उग आई हैं...जीवनमौत के कगार पर खड़ाक्रंदन कर रहा है...और मौत क्या करेवह हँस करअपनी गोद में पनाह दे रही हैतड़पती आत्माओं को...ऐसा लगता...
View Articleसुप्रभातम्! जय भास्करः! १४
डॉ सत्यनारायण पाण्डेय पापा से बातचीत :: एक अंश----------------------------------सुप्रभातः सर्वेषाम्! मंगलकामना सहितम्! जयतु भास्करः!मनुष्य को धन का स्वामी बनना चाहिए, नौकर नहीं।तात्पर्य यह कि मालिक ही...
View Article"हीरा जन्म अमोल था... " :: सत्यनारायण पाण्डेय
Dr. S.N. Pandeyयहीं से भूल आरम्भ हुई हैराम कृष्ण को क़िताब की वस्तु समझहमने अलमारियों में सजा दिया है...पूजा घरों में बिठा दिया है...उन मूल्यों की हम आरती गाते हैंपर अफ़सोस ! आचरण में कहाँ वो जीवन शैली...
View Articleसुप्रभातम्! जय भास्करः! १५ :: सत्य नारायण पाण्डेय
Dr. S.N. Pandeyपापा से बातचीत :: एक अंश--------------------------------------"ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय, श्रीकृष्णाय नमः!श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की शुभकामनाएं! श्रीमद्भगवद्गीता के अठारहवें अध्याय के अन्तिम...
View Articleस्वतंत्रता दिवस :: सत्यनारायण पाण्डेय
Dr.S.N.Pandeyआया शुभ पंद्रह अगस्तहुए हम सब उन्मत्त-मस्त !पर हम सुध-बुध न खो देंअमर शहीदों को भी, करें याद !जिनके प्राणों की आहुतिदे गयी हमें यह विभूति !अब न चलेगी चिर-सुसुप्तिहमें मिल जुल खोजनी...
View Articleस्वतंत्रता सुतंत्रता ले आएगी :: सत्यनारायण पाण्डेय
लेखनी!तूं क्यों हुई मौन? अब भोले जनमानस को--जगाए कौन?नेता बने पहनकर खादी-पर आज़ादी की गरिमा भुला दी बहा बहा घड़ियाली आंसू-धन-दौलत ही केवल बटोर रहे -काट रहे चकमक चांदी। मंत्रीपद पाने से पहले सूखे होते-...
View Articleजय हिन्द, जय हिन्द की सेना... !!
पर्वतों की उस ऊंचाई तकसंदेशेजाने कैसे पहुँचते होंगे...उन वीरानों मेंकैसे वोसपनों सा रचते बसते होंगे...कैसा उनका तेज़ प्रखरकि वो जीवन जय करते हैं...अपनों से दूरनिराली अपनी दुनिया में रहते हैं...मिटटी में...
View Articleतक जाकर कहीं रोना होता है... !!
आंसुओं सेदुःख धुल जाते हैं...जब दुःख पहाड़ से होंआँखें पथरा जाती हैं...आंसू तब बहुत बौना होता है...पैठ जाता है जब भीतर तक दुःख,तक जाकर कहीं रोना होता है... !!हमने बहुत देर तकआँखों में एक आंसू के आमद...
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