$ 0 0 जीवन और मृत्यु काअनन्त सिलसिला...अतृप्त इच्छाओं कीधुंधली यादें...जिजीविषा भी...अवरूद्धमार्ग काअहसास भी...स्वतंत्र सोच के साथ सांसारिक व आध्यात्मिक वर्जनाओं के बीचमुक्ति के मार्ग की तलाश भी...शरीरधर्म निर्वहन शरीर की अनिवार्य क्षुधा कीतृप्ति भी इस प्रकारघटित होती है संसार मेंजीवनयात्रा के क्रम मेंआत्मा कीपरमात्मा तक की यात्रा !!