बुराई पर जीतती अच्छाई
जीवन में
संकल्पों का
वह ताना बाना बुने
कि
हम उद्धत हों जाएँ
अपने अपने भीतर के रावण को
परास्त करने के लिए
दीप जलें
हृदय सुमन खिले
मन में ऐसा उत्सव हो
कि दुःख समग्र आप्लावित हो जाए
सुख अपनी सम्पूर्ण गरिमा के साथ
जीवन में संस्कारित हो पाए।
-अनुपमा
१५।१०।२०२१