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Channel: अनुशील
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प्रार्थना

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रिश्तों में अपनापन हो
सदा ही नमी रहे
भावाकाश पर
कभी न चाँद सितारों की कमी रहे


खुलते-खुलते जीवन के तमाम रहस्य
खुलते चले जाएँ
वैसे ही जैसे 


तमाम परतें खुलतीं हैं 


एक के बाद एक
शनैः शनैः


और कृतकृत्य कर देती हैं!



मन की आँखों को हृदय तल पर गिरती
करुणामयी बूँदों की झलक दिखे
वैसे ही जैसे 



नेमतें ज़ाहिर होती हैं 

अपने स्पष्ट रूप में स्वतः 

अनायास 


और चमत्कृत कर देती हैं!




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