आसमान देखते हुए
कितना कुछ उमड़ता-घुमड़ता है
बादलों की चित्रकारी
अनायास
मन में उतर आती है
सिमटा हुआ मन
फिर आसमान हो जाता है
कोई-कोई क्षण
अपने बीतने में
कभी-कभी
कितना
महान हो जाता है
कि
उस एक क्षण की स्मृति में
ज़िन्दगी बिताई जा सकती है!
ऐसे ही क्षणों से
समृद्ध जीवन हो
देख लेना आसमान बस
जो कभी अपने भीतर झाँकने का मन हो!