$ 0 0 दुनिया केकितने कोनों में बंट गए हमज़िन्दगी की रफ़्तार मेंखो गए कितने ही गमआँखबेवजह भी रही नमजोड़े हुए हैं पर उस मिटटी के संस्कार हमेंजुड़ा हुआ है हम सबका मनभूले नहीं भूलेगा बचपन का वह आँगन !!School photograph :: Std 7 A :: 1995, Jamshedpur