कहीं कोई
बस एक किरण हो
जीवन का सकल अन्धकार
थमा रहता है
ज़िन्दगी
हौले से मुस्कुरा देती है
दिया अपनी शक्ति भर
ख़रा रहता है
आने जाने वाले
नहीं जानेंगे कभी
ये जो रास्ता है न
इसका मन आकंठ भरा रहता है
कि राही के दर्द से रस्ते रोते हैं
संवेदनहीन दुनिया से नज़रें फेरीं तो देखा
प्रकृति का कण-कण मेरे दुःख में
मेरे साथ खड़ा रहता है
तुमने नहीं देखा
तो उदास रह गयीं
वरना इन आँखों में ख़ुशी का मंज़र
क्षण-दर-क्षण यूँ ही धरा रहता है
आओ न
मिल बैठेंगे बात करेंगे
कि ज़िन्दगी में कैसे जीवन तत्व ही
कई बार मरा रहता है !!