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Channel: अनुशील
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हम अभिशाप थे या वरदान रहे

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सुनो
प्रेम की गली जो आये  हो
तो ज़रा ध्यान रहे 


आँखों में चमकता
जो पानी हो
उसमें भाव रूप बलिदान रहे 


इस बात से
अनजाने  हों कि
हम अभिशाप थे या वरदान रहे 


कि
बस होना ही काफ़ी है 


अकारण होता है प्रेम
तर्क वितर्क की नहीं यहाँ कोई झांकी है 


बस होना  ही  काफ़ी है !!


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