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Channel: अनुशील
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जीवन, यात्रा और हम

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कभी राह में
छूट गये
कभी उसे छोड़ दिया


जीवन को
'यात्रा'नाम दिया
और अनिश्चितताओं से जोड़ दिया


चलते रहे जो अनवरत
उठते-गिरते, गिरते-उठते
राहों ने खुद-बखुद कभी यूं भी सुखद मोड़ लिया


पड़ाव के मोह से बन्धता तो था मन
पर बढ़ना ही था आगे, सो हमने
बिंधे मन को पड़ाव के मोह पाश से तोड़ लिया


कभी राह में छूट गए कभी उसे छोड़ दिया
जीवन को यात्रा नाम दिया और अनिश्चितताओं से जोड़ दिया !!


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