$ 0 0 एक रोज़जीवन खुदस्वयं से हारा थाउसनेअपनी सारी जिजीविषा कोमृत्यु पर वारा था. मृत्युदिखती हो क्रूरपर होती है ममतामयी ही तभी तोहारे हुए जीवन कोअंक से लगायाप्यार से सर पर हाथ फेरसमझाया--ये मुझसे मिलने की उत्कंठाक्षण भर की बात हैहे जीवन!जिजीविषा तुम्हारी संगिनी हैवही तुम्हारा प्रात है इनकार नहींमैं हूँ तुम्हारी अंतिम परिणति परमलक्ष्य सी दूर खड़ीएक दिन तुझे मैं स्वयं अंक में ले लूंगी पर अभी तुम्हारे खेलने खाने के दिन हैंजिजीविषा का दामन थामेतुम्हें कितनी ही राहों कोरौंदना है अभी तुम्हें जीना है अभी मीलों चलना है मुझ तक आने की राह अभी लम्बी हैहे जीवन! अभी तुम्हें जीवन जय करना है !कितनों की राहों केकांटे चुनने हैं जीवन!तुम्हें अपने नाम की सार्थकता केअभी पैमाने बुनने हैं !!