$ 0 0 लें संकल्प ::मै क्रोध नहीं करूंगा । चिन्ता न पास फटक पायेऐसा यत्न करूंगा । अपना दैनंदिन कार्य-आलस्यरहित हो करूंगा । किसीपर निर्भरता से दूर-सम्भव हुआ तो --दूसरे की-सहायता ही करूंगा । हो सभी जीवों से प्रेम -- कि है सब में --एक ही ईश्वर का वास ! अगर यह ज्ञान "सम्यक"हो जाए-फिर कौन?किसी पर क्रोध करेगा?होगी यह भावना पुष्ट,तो सहअस्तित्व और सेवाभाव जगेगा ।