$ 0 0 धुंधली होती हैंयादें...धुंधली ही तो हैआँखें...धुंधला हीहर धाम यहाँ...जीने की राह मेंजीवन ही गुमनान यहाँ...तोऐसे ही धुँध में बढ़ते चलें...कौन जानेधुंधलके से हीकोई अप्रतिम आयाम मिले... !!