$ 0 0 खिड़कीबारिशों को एकटक देखती है...बादल उसकी आंखों मेंकई रंग भरते हैं...बूंदेंजो उसके हृदय से आकरलग जाती हैं...देर तक चमचमाती हैं... !इस तरहखिड़की, बादल, बारिश, बूंदेंदेखते हुए हमअपनी दुनिया की विषमताओं सेकुछ देर के लिएअवकाश पा लेते हैं...यूंअपने हिस्से काआकाश पा लेते हैं... !!