$ 0 0 गुम थे हमयूँ पाए गए...धूप अपनी न रहीछोड़ कर हमें, हमारे साए गए...चाँद इतना प्यारा है...किस्मत उसकी, कालिमा से घिरा है... ज़िन्दगी! तेरी परिधि मेंउलझा हुआ हर सिरा है...