$ 0 0 सही गलतअच्छा बुरासत्य असत्यउचित अनुचितये निर्णय ही दुष्कर है...और शायद ऐसा कोई तर्क-वितर्क...ऐसा कोई निर्णयअनिवार्य भी नहीं...कि संयत मन हो...उसके दिशानिर्देश पर चलने का उपक्रम हो...तो राहें खुल जाती हैं...दुनिया का काम है वो रोड़े अटकाती है तो ये कभी भी किसी सूरत मेंहताशा का कारण न हो...कि ऐसी कोई उलझन नहीं जहां मेंजिसका कोई निवारण न हो...ऐसे क्षण आयेंगे जब टूटा सा होगा विश्वासदेखना, कविता फिर भी होगी पास वही गुनगुनायेगी...दीप नए जलाएगी... !!