मुसलाधार बारिश हो, तो-
बूंदें दिखाई नहीं देतीं,
पर आद्र कर जाता है
बरसता पानी!
मखमली घास पर
बिछ जातीं हैं स्नेहिल बूंदें,
बन कर
कोई याद पुरानी!
बूंदों में प्रतिविम्बित सतरंगी स्वप्न,
हर एक क्षण एक नया जन्म,
हर एक पल की
अपनी एक विरल कहानी!
झम झम के संगीत में,
धरा पर झरते गीत में,
कितने राज़, कितनी खुशियाँ
अब तक हैं अनजानी!
रुको तनिक,
सुन लो बातें बूंदों की,
गुन लो बातें बूंदों की-
ये दुनिया...
है आनी जानी!
आत्मसात कर सारा गीत गगन का
उसमें जोड़ सुर कुछ अपने मन का
है रचनी हमें
कोई धुन सुहानी!
इसलिए,
हे बूंदों! तुम सब यूँ ही रहना धवल,
करते रहना जड़ों को सबल,
फिरना स्वच्छंद...
करते हुए मनमानी!
मस्ती में ही कुछ सीखेंगे,
तुमसे ही प्रेरित हो लिखेंगे,
जीवन की
हम नयी कहानी!
बूंदें दिखाई नहीं देतीं,
पर आद्र कर जाता है
बरसता पानी!
मखमली घास पर
बिछ जातीं हैं स्नेहिल बूंदें,
बन कर
कोई याद पुरानी!
बूंदों में प्रतिविम्बित सतरंगी स्वप्न,
हर एक क्षण एक नया जन्म,
हर एक पल की
अपनी एक विरल कहानी!
झम झम के संगीत में,
धरा पर झरते गीत में,
कितने राज़, कितनी खुशियाँ
अब तक हैं अनजानी!
रुको तनिक,
सुन लो बातें बूंदों की,
गुन लो बातें बूंदों की-
ये दुनिया...
है आनी जानी!
आत्मसात कर सारा गीत गगन का
उसमें जोड़ सुर कुछ अपने मन का
है रचनी हमें
कोई धुन सुहानी!
इसलिए,
हे बूंदों! तुम सब यूँ ही रहना धवल,
करते रहना जड़ों को सबल,
फिरना स्वच्छंद...
करते हुए मनमानी!
मस्ती में ही कुछ सीखेंगे,
तुमसे ही प्रेरित हो लिखेंगे,
जीवन की
हम नयी कहानी!