कोहरा, कुंहासा, उदासी
बात बस जरा सी... !!
मन के मौसम सी
दूर छाई घटा भी रुआंसी... !!
कैसा सुखद विरोधाभास है-
इन्द्रधनुषी आभा उसकी
बस नाम से वो उदासी... !!
कोहरे के पीछे से एक किरण झाँकेगी
बदल जायेगा परिदृश्य
आकाश की सुषमा भी, होगी फिर धरा सी... !!
कोई बड़ा सन्दर्भ नहीं, ये बात बस जरा सी... !!!