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Channel: अनुशील
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क्या होगा तब... ?

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एक फूल के मुरझाने से
न ही वीरान होता है गमला
न ही हम उदास होते हैं...


ये एक सहज प्रक्रिया जो है... ! 


मगर
क्या होगा... ?
गर असमय  ही 


फूलों संग
पूरा गमला  मुरझा जाए तो...


लूट गयी खुशबू
फिर लौट न पाए तो...


बीच से उठकर कहीं लुप्त हो गया जीवन
जो फिर कभी न खिलखिलाए तो...


हम बेतहाशा भागते हुए
एक दिन अपनी सहज चाल ही भूल जायें तो...


क्या होगा तब...
सोचें तो अब...
एक क्षण का विराम ले कविता में ही होवें सब... !!!







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