$ 0 0 हो दीप...या हो टिमटिमाता सितारा...उपस्थित वहीँ हैं है जहाँ अँधियारा... !!विम्ब...प्रतिविम्ब...रूपक रौशनी के इनसे ही है उजियारा... !!टिमटिमाती नन्ही सी लौक्षीण से हौसले और विराट अन्धकार फिर भी जीवन कभी नहीं हारा... !!समेटी अँजुरी में चुटकी भर रौशनीऔर बिखेर दिया जीवन के सुनसान में महक उठा समूचा अरण्यचुटकी भर रौशनी ने जीत लिया अँधियारा... !!