Quantcast
Channel: अनुशील
Viewing all articles
Browse latest Browse all 670

सफ़र पर... !!

$
0
0

बहुत सारी बेचैनियों को समेट कर
गठरी बाँध
जब हम चलते हैं सफ़र पर...


तो ये अतिरिक्त भार
हमें पहले ही थका देता है...


सफ़र की थकान
हृदय के बोझ

ये जीवन के उतार चढ़ाव में
साथ लेकर नहीं चले जा सकते... !


कहीं राह में एक बहता दरिया होता है...


जहाँ प्रवाहित कर देने होते हैं
पहाड़ से कष्ट...


सौंप देनी होती है बहती धारा को
बेचैनियों की गठरी...


कि...
बढ़ा जा सके आगे
चढ़ी जा सके
जीवन की दुर्गम चढ़ाई...


और आगे तय हो सके सफ़र... !!


Viewing all articles
Browse latest Browse all 670

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>