$ 0 0 लिखना...मृत्यु से गुज़र करमृत्यु को जीतने जैसा है...लिखना...मेरे लिएकिसी बेहद अपने कीऊँगली पकड़ कर चलने जैसा है...लिखना...तड़प कोघड़ी भर का विराम दे जाता है...लिखना...बेचैनियों कोभला सा एक नाम दे जाता है...लिखना...जाने-अनजाने लिखनारेत में जल की तलाश के अनवरत क्रम जैसा है...लिखना...मेरे लिएनिराश हताश वीराने तट सेजीवन की ओर लौटने के अनिवार्य उपक्रम जैसा है...अपने आप से संवाद ज़रूरी है...जीवन के थपेड़ों का प्रतिवाद ज़रूरी है...इस पथ पर चलने वाली हर आस...जाने क्यूँ???आधी-अधूरी है...कंटकाकीर्ण पथरीली राहों पर चलते हुए हौसला बना रहेशायद इसलिए... लिखना ज़रूरी है...!