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Channel: अनुशील
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आँख का पानी...!

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रोते हुए...
सिसकते हुए...
जाने क्या क्या
कहे जा रहे थे आंसू...

उन पर
कभी नहीं रहा है मेरा वश
उन्हें जब बहना है बहेंगे ही
जो कहना है कहेंगे ही... 


फिर भी,
जितना... जो जैसा
कहा-अनकहा
छुआ-अनछुआ
दर्द है हृदय में
कहाँ सब कह पायेंगे...?


आंसू बहेंगे...
चूक जायेंगे...
फिर मूक हो जायेंगे... 


पर, जो-
कहा-अनकहा
छुआ-अनछुआ
दर्द है भीतर,
वह तो
रिसता रहेगा ही...
ये दौर कभी
थमेगा नहीं...


कि
जब तक है जीवन
चलती रहनी है कहानी
बहता आया है
बहता ही रहेगा आँख का पानी... !!!


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