$ 0 0 रोते हुए...सिसकते हुए...जाने क्या क्या कहे जा रहे थे आंसू...उन पर कभी नहीं रहा है मेरा वशउन्हें जब बहना है बहेंगे हीजो कहना है कहेंगे ही... फिर भी,जितना... जो जैसाकहा-अनकहाछुआ-अनछुआदर्द है हृदय मेंकहाँ सब कह पायेंगे...?आंसू बहेंगे...चूक जायेंगे...फिर मूक हो जायेंगे... पर, जो-कहा-अनकहाछुआ-अनछुआदर्द है भीतर,वह तोरिसता रहेगा ही...ये दौर कभी थमेगा नहीं...किजब तक है जीवनचलती रहनी है कहानीबहता आया हैबहता ही रहेगा आँख का पानी... !!!