"अपना ख्याल रखना"... आत्मीयता से पगे आपकेये स्नेहपूर्ण शब्द प्रेरणा बन कर बहुत कुछ लिखवाना चाहते हैं... पर कलम चुप सी है...! अचानक अभी आधी नींद में लिखा गया यह... कविता तो नहीं है... यूँ ही कुछ है, आधी जागी आँखों द्वारा बुना गया ताना बाना!
इस ताने बाने में... उन शब्दों भावों की भी प्रेरणा है... "स्नेह-आशीष सहित... शुभ... मंगल... सर्वदा... ... ... !!"आपने हमें हमारे जन्मदिन पर ये शब्दाशीश दिए थे, याद तो होगा ही न...!
शब्द जब भाव से बंधे हों तो भाषा से परे हो जाते हैं... फिर वो हो जाते हैं साक्षात प्रेरणा... पढ़िए अब जो लिखवा गयी आपके शब्दों और आशीषों की प्रेरणा...
इस ताने बाने में... उन शब्दों भावों की भी प्रेरणा है... "स्नेह-आशीष सहित... शुभ... मंगल... सर्वदा... ... ... !!"आपने हमें हमारे जन्मदिन पर ये शब्दाशीश दिए थे, याद तो होगा ही न...!
शब्द जब भाव से बंधे हों तो भाषा से परे हो जाते हैं... फिर वो हो जाते हैं साक्षात प्रेरणा... पढ़िए अब जो लिखवा गयी आपके शब्दों और आशीषों की प्रेरणा...