$ 0 0 एक बहुत पुरानी रचना... उसीपुरानी डायरी से: :मंजुल मोती की माया सेचमक उठा संसार...हम चमके सहेज करअपने अश्रुकण दो चार! आसमान की लाली देखचहक उठा संसार...हम चहके पाकरअपनी वसुधा का प्यार! हरियाली के आलम में उपवन संगमहक उठा संसार...हम महके पाकरमानवता का आधार! परिवर्तन की लहर मेंशीशे की तरह चमक उठा संसार...हम चनके उर के साथ चले अबसिसकियों के उस पार!