किसी भी बात पर जब
मिथ्याभिमान होने लगे,
तो, याद रहे...
तुमसे भी कोई बड़ा है!
कितना भी
वृहद् हो गगन,
अपने मद में हो लें हम
कितने भी मगन;
वक़्त
सबको नाप लेता है,
सारे हिसाब देख लेने को
वो अगले मोड़ पर खड़ा है!
किनारे हैं तो बिना मिले भी
साथ चलना तो होगा ही,
मझधार का खेल
समझना तो होगा ही;
समझायेंगे तभी तो पंथी को
कि मिल जाती है मंज़िल,
राह में हैं ठोकरें तो क्या?
हौसला हर रोड़े से बड़ा है!
समस्या आती है तो सहारे सकल
छीन लेती है,
मन की शान्ति समस्त
लील लेती है;
ऐसे में
एक बार झांकना हृदय में,
हाथ थामने को
विधाता स्वयं खड़ा है!
मिट जाता है हर अक्स
उभर कर पानी में,
किसे पता?
क्या होगा घटित कहानी में;
छोटा सा मन
छोटा सा जीवन,
छोटे छोटे एहसासों का
मोल बड़ा है!
अकेला कभी नहीं होता इंसान
बस हौसला रखना,
देखना, अगले मोड़ पर ही...
कोई तेरे लिए खड़ा है!
मिथ्याभिमान होने लगे,
तो, याद रहे...
तुमसे भी कोई बड़ा है!
कितना भी
वृहद् हो गगन,
अपने मद में हो लें हम
कितने भी मगन;
वक़्त
सबको नाप लेता है,
सारे हिसाब देख लेने को
वो अगले मोड़ पर खड़ा है!
किनारे हैं तो बिना मिले भी
साथ चलना तो होगा ही,
मझधार का खेल
समझना तो होगा ही;
समझायेंगे तभी तो पंथी को
कि मिल जाती है मंज़िल,
राह में हैं ठोकरें तो क्या?
हौसला हर रोड़े से बड़ा है!
समस्या आती है तो सहारे सकल
छीन लेती है,
मन की शान्ति समस्त
लील लेती है;
ऐसे में
एक बार झांकना हृदय में,
हाथ थामने को
विधाता स्वयं खड़ा है!
मिट जाता है हर अक्स
उभर कर पानी में,
किसे पता?
क्या होगा घटित कहानी में;
छोटा सा मन
छोटा सा जीवन,
छोटे छोटे एहसासों का
मोल बड़ा है!
अकेला कभी नहीं होता इंसान
बस हौसला रखना,
देखना, अगले मोड़ पर ही...
कोई तेरे लिए खड़ा है!