$ 0 0 सुख-दुःख के समीकरणभ्रामक थे मुस्कुराहटों के कोलाज़ नेभ्रम की उघरन कोभरसक सिया मस्कुराहटों के वे अनगिन बिम्बप्रकृति माँ ने हमेंसहर्ष दिया-खिलते फूलों के रूप मेंखिलती हुई धूप में खिले हुए अपने कई रोमांचक प्रतिरूप में।