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Channel: अनुशील
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उनकी सूक्ष्म आपसी समझ को प्रणाम

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बाती के संघर्ष को
अस्ताचलगामी सूर्य
प्रणाम करता है 


अपने सारे उत्तरदायित्व
नन्हें दीप को सौंप
वह आश्वस्त हो प्रस्थान करता है


अकथ पीड़ा प्रकाशपूँज की
नन्हा दीप समझता है


अपनी शक्ति भर जलता हुआ 

आँधियों के ख़ौफ़ पर विहँसता है 


कि
संघर्ष की जीत से
नहीं प्रकृति को भी इंकार है 


दीप और सूर्य के
परस्पर कर्तव्य निर्वहन पर ही
टिका सृष्टि का विस्तार है 


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