$ 0 0 एक शांत सहज सी रफ़्तार मेंगिरते फ़ाहेजता रहे थेजीवन का होना उन्ही के बीचकिसी दिसंबर की दोपहरथा हमारा भी एक कोना वहीँ कहींहम जी रहे थेअपना होना