$ 0 0 जीवनक्या कुछ नहीं सिखाता हैइस पाठशाला मेंहर अच्छा-बुरा अनुभवकंठस्थ हो जाता हैआँखों सेबहते आंसू की व्यथाकितना कुछ कहती है बूंदों मेंजीवन कीसम्पूर्ण कथा रहती है उन बूंदों से हीसृजित होनी हैमुस्कान वे बूँदें ही लिखेंगीइन्द्रधनुषी ख़तज़िन्दगी के नाम जीवनहर डगर हँसता है मुस्काता है इस पाठशाला मेंहर अच्छा-बुरा अनुभवकंठस्थ हो जाता है