$ 0 0 वैसे येबहुत पहले कीबात नहीं हैपरअब लगता हैएक युग बीत गया है...अनेकानेकपलों कोसंग जीते हुए भीलगता है जैसेहर क्षणसंगीत नया है...कोई भी इम्तहान होकैसा भी जीवन काघमाशान होजीत लेंगे हर मुश्किलकि हमारे सारे सपने साझे हैंऔर तुम्हारी आँखों में असीम करुणा धैर्य प्रीत दया है...साथ रहे बसतो शून्य से शुरू कर भीनाप लेंगे क्षितिजक्या हुआ जोभरा हुआ पात्र हमाराबूँद दर बूँद रीत गया है...यात्रारत है जीवनपूरी दुनियादेखनी है संगसपनों का ये मनभावन रंगअभी अभी देखोसभी अंधेरों से जीत गया है...तो चलें...लग जाएँ दौड़ती हुई राहों के गले... !!