$ 0 0 किस्मत का क्या है...बनती है...बिगड़ती है...ज़िन्दगी...किसी मोड़नहीं ठहरती है...वक़्त को फिसल जाना था...आँखों के सामने से मंज़र बदल जाना था...सो,वही हुआ...हमारे दामन में मुस्कुराती रही दुआ... !!