$ 0 0 बादल हैं, बारिश है, बूँदें हैं, नमी है...सफ़र में साथ साथ चल रहेआसमां और ज़मीं हैं...यहाँ सब कुछबिखरा बिखरा है...हो सके तो आ जाओदोस्त! तुम्हारी ही कमी है...कितनी दूरी है, है कितना सामीप्यकहो! क्या कभी माप पाएंगे हम...बस ये जानो आँखों से ओझल हुए होतब से ही सांसें जैसे थमी हैं...बादल हैं, बारिश है, बूँदें हैं, नमी है...सफ़र में साथ साथ चल रहेआसमां और ज़मीं हैं...इक मेरा मन उदास है अपनी ख़ामियां गिन गिन कर...कोई क्यूँ रहे भी पासकि मुझमें लाखों कमी है...ज़िन्दगी की राह मेंजीवन से मिलने का अवसर आता है कभी कभीघटित हुआ था वह एक दुर्लभ संयोग सातब से ही उसी मोड़ पर उसकी राह तकती निगाहें मेरी थमी हैं...बादल हैं, बारिश है, बूँदें हैं, नमी है...सफ़र में साथ साथ चल रहेआसमां और ज़मीं हैं...!