$ 0 0 खूब सारे रंग हैंबारिश है…भींगा भींगा शहर है…! खुशियाँ अनचीन्हीं अजानी हैं…बादलों के पीछे सेझाँकतीजरा सी धूप है… अजाने ग़मों का कहर है…! हर क्षणबीत रही है…ज़िन्दगीढ़लता हुआ पहर है…!!