बादलोंकेपीछेसेझांकतीरौशनी
जैसेहोशब्दोंकीओटसेझांकतीकविता
दर्ज़करतीहुईअपनीउपस्थिति
स्थापितकरतीहुईअपनावजूद
भरीभीड़में...
बादलछंटजातेहैं
औररौशनीआजातीहैसन्मुख
शब्दविलीनहोजातेहैंऔररिक्तहुएबिन्दुओंसे
प्रकटहोजातीहैकविता
मनकेनीड़में...
एकपुष्पकीमुस्कानसहेजे
बिनाकुम्हलायेचलतीहैवोआँचलमेंअपनेधूपलिए
छाँवकीतलाशभीउसतकपहुँचकरहीपातीहैविराम
धूप-छाँवकाअनूठासंगमहैकविता
दिखजायेगीस्पष्ट, भलेहो
भरीभीड़में...
स्पंदितहोतीहुईमनकेनीड़में!
जैसेहोशब्दोंकीओटसेझांकतीकविता
दर्ज़करतीहुईअपनीउपस्थिति
स्थापितकरतीहुईअपनावजूद
भरीभीड़में...
बादलछंटजातेहैं
औररौशनीआजातीहैसन्मुख
शब्दविलीनहोजातेहैंऔररिक्तहुएबिन्दुओंसे
प्रकटहोजातीहैकविता
मनकेनीड़में...
एकपुष्पकीमुस्कानसहेजे
बिनाकुम्हलायेचलतीहैवोआँचलमेंअपनेधूपलिए
छाँवकीतलाशभीउसतकपहुँचकरहीपातीहैविराम
धूप-छाँवकाअनूठासंगमहैकविता
दिखजायेगीस्पष्ट, भलेहो
भरीभीड़में...
स्पंदितहोतीहुईमनकेनीड़में!