पेड़ों का होना हरेपन के नये अर्थ गढ़ेगा
पहाड़-सी उलझनें धुल जाएँगी
बारिश होगी।
सौंधी मिट्टी की ख़ुशबू में जीवन ढ़लेगा
बंजर भूमि की सकल दरिद्रताएँ भुल जाएँगी
बारिश होगी।
गगन मही के ललाट की लकीरें पढ़ेगा
दुःख की बदरी सुख की किरणों में घुल जाएँगी
बारिश होगी।