$ 0 0 एक के बाद एकआते रहे बादलअपनी धुन में दुःख के रागगाते रहे बादलफिर खूब बरसेहम ज़रा सी हँसी को बेतरह तरसेफिर हमनेबादलों की तरहदुःख को ही गीत बना लियाहमारे हिस्से की मुस्काने अब हमारा दुःख मुस्कुराता हैयूँ जीवन चलता चला जाता है !